पवार ने यहां संवाददाताओं से कहा, यह सच है कि रामजेठमलानी ने दाउद के लौटने की इच्छा के बारे में प्रस्ताव दिया था। लेकिन शर्त थी कि दाउद को जेल में नहीं रखा जाएगा। बल्कि उसे घर में रहने की अनुमति दी जाएगी। यह स्वीकार्य नहीं था। हमने कहा कि उसे कानून का सामना करना होगा।
पूर्व केंद्रीय मंत्री से जेठमलानी के बयान के बारे में पूछा गया था कि 1993 मुंबई श्रृंखलाबद्ध विस्फोटों के मुख्य आरोपी दाउद भारतीय अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण करना चाहता था लेकिन राज्य में कांग्रेस सरकार के मुखिया तत्कालीन मुख्यमंत्री पवार ने उसकी पेशकश ठुकरा दी थी।
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